रविवार, सितंबर 27, 2015

निश्छल प्रेम


[कश्यप किशोर मिश्रा द्वारा रचित उत्कृष्ट लघु कथा]
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एक बूढ़ी औरत सड़क के किनारे डलिया में संतरे बेचती थी 
एक युवा अक्सर उसके पास से संतरे खरीदता. 
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हर बार खरीदे हुए संतरों से एक संतरा निकाल उसकी एक फाँक चखता और कहता -
“ये कम मीठा लग रहा है, देखो !” 
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बूढ़ी औरत संतरे को चखती और प्रतिवाद करती - “ना बाबू मीठा तो है!” 
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वो युवक उस संतरे को वही छोड़, बाकी संतरे ले गर्दन झटकते आगे बढ़ जाता. 
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युवक अक्सर अपनी पत्नी के साथ होता था, एक दिन पत्नी नें पूछा - 
“ये संतरे हमेशा मीठे ही होते हैं, पर यह नौटंकी तुम हमेशा क्यों करते हो ?” 
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युवा ने पत्नी को एक मघुर मुस्कान के साथ बताया - “वो बूढ़ी माँ संतरे बहुत मीठे बेचती है, पर खुद कभी नहीं खाती, इस तरह उसे मै संतरे खिला देता हूँ…” 
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एक दिन, बूढ़ी माँ से, उसके पड़ोस में सब्जी बेचनें वाली औरत ने सवाल किया - “ये झक्की लड़का संतरे लेते समय इतनी चिक-चिक करता है, पर संतरे तौलते समय मै तेरे पलड़े देखती हूँ, तू हमेशा उसकी चिक-चिक के चक्कर में उसे ज्यादा संतरे तौल देती है”. 
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बूढ़ी माँ नें साथ सब्जी बेचने वाली से कहा - “उसकी चिक-चिक संतरे के लिए नहीं, मुझे संतरा खिलानें को लेकर होती है, मै बस उसका प्रेम देखती हूँ, पलड़ो पर संतरे अपनें आप बढ़ जाते हैं ।”
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The End
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शनिवार, सितंबर 26, 2015

प्रोफेशनल भिखारी


कल मुझे एक नौजवान स्टेशन पर मिला। 
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कहने लगा - . "मेरी जेब से पर्स कही गिर गया है, बस मुझे जयपुर पहुंचने तक के पैसे दे दीजिये। 
टिकट 150 रूपये का है। और आगे रेलवे स्टेशन से मैं पैदल अपने घर चला जाऊंगा। बस 150 रूपये 
चाहिये। वैसे मै बहुत संपन्न परिवार से हूँ। मुझे मांगते हुए झिझक महसूस हो रही है।" 
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मैने कहा - 
"इसमे शर्माने वाली कोई बात नहीं है। कभी मेरे साथ भी ऐसा हो सकता है ... ये लो मेरा फोन अपने घर वालो से बात करो, उनसे कहो कि मेरे इस नबंर पर 200 रूपये का रिचार्ज करवा दें और उसके बाद तुम मुझसे 200 रूपये नकद ले लो। तुम्हारी परेशानी खत्म।" 
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वो व्यक्ति बिना कुछ बोले आगे बढ गया। 



:-) :-) :-)
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शुक्रवार, सितंबर 25, 2015

कैसे-कैसे दिलचस्प साइनबोर्ड :-)


क्या कहा ~~~
नाम में क्या रखा है ?? 
अरे नहीं जनाब 
नाम में ही तो बहुत कुछ रखा है 
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न यकीन हो तो देखिये -

 अरे ~~~ फेसबुक तो फ़ास्ट फ़ूड भी बेचता है
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 इन्फोसिस का नया धांसू बिजनेस
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 डंके की चोट पे धंधा
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 क्या सीखा … घंटा ???
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 गूगल सब्जी भी बेचता है … अपनी आँखों से देख लो
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 ये डॉक्टर का नहीं भाई, रेस्टोरेंट का साइनबोर्ड है
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 हाई-फाई चिकन ले लो
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 नाम में इमानदारी हो तो ऐसी हो
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इतना कठिन विषय है कि 
अलग से इंस्टिट्यूट खोलना पड़ा
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होनहार मंगेतर :-)

एक लड़की अपने होने वाले मंगेतर को अपने मम्मी-पापा से मिलाने के लिए घर लेकर आयी, डिनर के बाद लड़की की माँ ने अपने पति से कहा कि कुछ लड़के के बारे में पता करो!! 
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लड़की के बाप ने लड़के को अकेले में बुलाया और उससे बातचीत करने लगे बाप ने पूछा - 
"तुम्हारा प्लान क्या है ?" 

लड़के ने कहा - "मैं रिसर्च स्कॉलर हूँ !! 

बाप ने कहा - ओह ~~ रिसर्च स्कॉलर ... बहुत अच्छे ! पर तुम मेरी बेटी को एक सुन्दर सा घर कैसे दो पाओगे, जिसकी उसे आदत है ? 

लड़के ने कहा - "मैं पढ़ाई करूँगा, , और भगवान हमारी मदद करेंगे !!" 

और तुम किस तरह उसके लिए सगाई की यादगार अंगूठी खरीदोगे ?

मैं और ज्यादा पढ़ाई करूँगा .. लड़के ने कहा बाकी भगवान हमारी मदद करेंगे !! 

और बच्चे होंगे तब ? बाप ने कहा, उन्हें कैसे पालोगे ? 

चिंता मत कीजिये सर, भगवान कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेगा !! 
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इसी तरह जितनी बार बाप ने कुछ भी पूछा, तो लड़के ने हर बार कहा कि कोई न कोई रास्ता भगवान निकाल ही लेगा !! 

बाद में लड़की की माँ ने कहा - "ये सब कैसे होगा जी ?" 

बाप ने कहा - "पता नहीं, उसके पास न कोई नौकरी है, न कोई प्लान, न ही जिम्मेदारी का एहसास है ... पर, अच्छी खबर ये है कि वो मुझे भगवान समझ रहा है !" 


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:-)  :-)  :-) 
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इंजीनियर की समस्या और जाट बुद्धि


तीन-चार इंजीनियर एक टेढ़े मेढ़े पाइप में से तार डालने कि कोशिश कर रहे थे, 
लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहे थे ! एक जाट कई दिन से ये सब देख रहा था 
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पांचवें दिन जाट बोला :-  मै करू साब ?? 
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इंजीनियर ने घूरा और बोला :-  हम पांच दिन से कोशिश कर रहे हैं, हमसे तो हुआ नहीं, 
तू कैसे निकालेगा ? ..... चल तू भी कोशिश कर ले...... 
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जाट बोला :-  ठीक है साब 
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जाट खेत मे गया ,,, एक चूहा पकड़ लाया और उसकी पूँछ मे तार बान्धा ,,, फिर चूहे को 
पाईप मे डाला ...... कुछ देर बाद चूहा दुसरी तरफ से तार के साथ बाहर निकल गया ! 


इंजीनियर अब तक कोमा में है
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:-) :-) :-) 
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