बुधवार, दिसंबर 24, 2014

सीनियर सिटिजन और पुलिस इंस्पेक्टर

एक सीनियर सिटिजन अपनी नई कार 90 की स्पीड में चला रहे थे। 
----
रियर व्यु मिरर में उन्होंने देखा कि पुलिस की एक गाडी उनके पीछे लगी हुई है। उन्होंने कार की स्पीड और बढ़ा दी। 110 फिर 130 और फिर 150.......... 
---- 
---- 
अचानक उन्हें याद आया कि इन हरकतों के लिहाज से वे बहुत बूढ़े हो चुके हैं और ऐंसी हरकतें उन्हें शोभा नहीं देतीं। उन्होंने सड़क के किनारे कार रोक दी और पुलिस का इन्तजार करने लगे। 
---- 
---- 
पुलिस की गाडी करीब आकर रुकी और उसमे से इंस्पेक्टर निकलकर बुजुर्ग महाशय के पास आया। उसने अपनी घडी में समय देखा और बुजुर्ग से बोला --
.
"सर, मेरी शिफ्ट ख़त्म होने में मात्र 10 मिनिट बाकी हैं। आज शुक्रवार है और शनिवार, रविवार मेरा अवकाश है। इतनी स्पीड से कार चलाने का अगर आप मूझे कोइ ऐंसा कारण बता सके जो मैंने आज तक नहीं सुना हो तो मैं आप को छोड़ दूंगा।" 
---- 
बुजुर्ग ने बहुत गंभीर होकर इन्स्पेक्टर की तरफ देखा और कहा---

"बहुत साल पहले मेरी बीवी एक पुलिसवाले के साथ भाग गयी थी। मैंने सोचा कि तुम उसे लौटाने आ रहे हो इसलिए..................." 
---- 
इन्स्पेक्टर वहाँ से जाते हुए बोला---" हेव ए गुड डे, सर ... बाय।" 
-----------------------------------------------------
The End
----------------------------------------------------- 
=================================================
फेसबुक लिंक 
https://www.facebook.com/prakash.govind/posts/842874445722855 =================================================

इंटेलिजेंस ब्यूरो भर्ती में महिला उम्मीदवार

इंटेलिजेंस ब्यूरो में एक उच्च पद हेतु भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। 
---
अंतिम तौर पर केवल तीन उम्मीदवार बचे थे जिनमें से किसी एक का चयन किया जाना था। इनमें दो पुरुष थे और एक महिला। फाइनल परीक्षा के रूप में कर्तव्य के प्रति उनकी निष्ठा की जांच की जानी थी। 
---
पहले आदमी को एक कमरे में ले जाकर परीक्षक ने कहा –”हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तुम हर हाल में हमारे निर्देशों का पालन करोगे चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो।” फिर उसने उसके हाथ में एक बंदूक पकड़ाई और दूसरे कमरे की ओर इशारा करते हुये कहा – ”उस कमरे में तुम्हारी पत्नी बैठी है। जाओ और उसे गोली मार दो।” 
---
”मैं अपनी पत्नी को किसी भी हालत में गोली नहीं मार सकता”- आदमी ने कहा।” 
---
तो फिर तुम हमारे किसी काम के नहीं हो। तुम जा सकते हो।” – परीक्षक ने कहा। 
---
अब दूसरे आदमी को बुलाया गया। ” .. 
---
परीक्षक ने उसके हाथ में एक बंदूक पकड़ाई और दूसरे कमरे की ओर इशारा करते हुये कहा – ”उस कमरे में तुम्हारी पत्नी बैठी है। जाओ और उसे गोली मार दो।” 
---
आदमी उस कमरे में गया और पांच मिनट बाद आंखों में आंसू लिये वापस आ गया - ”मैं अपनी प्यारी पत्नी को गोली नहीं मार सका। मुझे माफ कर दीजिये। मैं इस पद के योग्य नहीं हूं।” 
---
अब अंतिम उम्मीदवार के रूप में केवल महिला बची थी। उन्होंने उसे भी बंदूक पकड़ाई और उसी कमरे की तरफ इशारा करते हुये कहा – ”उस कमरे में तुम्हारा पति बैठा है। जाओ और जाकर उसे गोली से उड़ा दो।” 
---
महिला ने बंदूक ली और कमरे के अंदर चली गई। कमरे के अंदर घुसते ही फायरिंग की आवाजें आने लगीं । लगभग 11 राउंड फायर के बाद कमरे से चीख पुकार, उठा पटक की आवाजें आनी शुरू हो गईं। यह क्रम लगभग पन्द्रह मिनटों तक चला ,उसके बाद खामोशी छा गई। 
---
लगभग पांच मिनट बाद कमरे का दरवाजा खुला और माथे से पसीना पोंछते हुये महिला बाहर आई। बोली – ”तुम लोगों ने मुझे बताया नहीं था कि बंदूक में कारतूस नकली हैं। मजबूरन मुझे उसे पीट-पीट कर मारना पड़ा..!!! 
----------------------------------------------- 
The End 
-----------------------------------------------
=============================================================
फेसबुक लिंक 
https://www.facebook.com/prakash.govind/posts/819230254753941 =============================================================

मंगलवार, दिसंबर 23, 2014

इंटेलिजेंट एंसर इन इंटरव्यू

साक्षात्कार चल रहा था ! नौकरी बड़ी अच्छी और अच्छे वेतन वाली थी ! साक्षात्कार में कई युवक आये हुए थे ! सभी युवक अच्छे पढ़े लिखे एवं सुसंस्कृत थे ! चपरासी ने आकर पहले युवक को आवाज लगाई ! 
---
युवक अपनी फ़ाइल ले कर चेम्बर में घुसा और बोला - 'में आई कमिंग सर ?' साक्षात्कार लेने वाले ने कहा "यस कम इन " थैंक यू कहकर युवक अंदर चला गया और सामने वाली कुर्सी पर बेठ गया ! 
---
साक्षात्कार लेने वाले उसकी फ़ाइल देखीं वैरी गुड कहकर वापस दे दी ,,, और पुछा :- 
"एक बात बताइये आप कही जा रहे है आपकी कार टू सीटर है। आगे चलने पर एक बस स्टैंड पर आपने देखा कि तीन व्यक्ति बस के इंतजार में खड़े है। उन में से एक वृद्धा जो कि करीब 90 वर्ष की है तथा बीमार है अगर उसे अस्पताल नहीं पहुचाया गया तो इलाज न मिल सकने के कारण मर भी सकती है। दूसरा आपका एक बहुत ही पक्का मित्र है जिसने आपकी एक समय बहुत मदद कि थी जिसके कारण आप आज का दिन देख रहे है। तीसरा इंसान एक बहुत ही खूबसूरत युवती है जिसे आप बेहद प्रेम करते है जो आपकी ड्रीम गर्ल है अब आप उन तीनो में से किसे लिफ्ट देंगे ? आपकी कार में केवल एक ही व्यक्ति आ सकता है।"" 
---
युवक ने एक पल सोचा फिर जवाब दिया" सर में अपनी ड्रीम गर्ल को लिफ्ट दूंगा " 
---
साक्षात्कार लेने वाले पुछा - क्या ये ना इंसाफी नहीं है ? 
---
युवक बोला नो सर वृद्धा तो आज नहीं तो कल मर जायेगी ,,दोस्त को में फिर भी मिल सकता हूँ पर अगर मेरी ड्रीम गर्ल एक बार चली गई तो फिर में उससे दुबारा कभी नहीं मिल सकूंगा ! 
---
साक्षात्कार लेने वाले ने मुस्कुरा कर कहा वेरी गुड में तुम्हारी साफ साफ बात सुन कर प्रभावित हुआ अब आप जा सकते है ! थैंक यू कहकर युवक बाहर निकल गया ! 
---
साक्षात्कार लेने वाले ने दूसरे प्रत्याशी को बुलाने के लिए चपरासी को कहा ! साक्षात्कार लेने वाले ने सभी प्रत्याशिओं से उपरोक्त प्रश्न को पुछा विभिन्न प्रत्याशियों ने विभिन्न उत्तर दिए ! किसी ने वृद्धा को लिफ्ट देने किसी ने दोस्त को लिफ्ट देने कि बात कही ! 
---
जब एक प्रत्याशी से ये ही प्रश्न पुछा तो उसने उत्तर दिया -"सर में अपनी कार की चाबी अपने दोस्त को दूंगा और उससे कहूंगा कि वो मेरी कार में वृद्धा को लेकर उसे अस्पताल छोड़ता हुआ अपने घर चला जाये ! मैं उससे अपनी कार बाद में ले लूंगा और स्वयं अपनी ड्रीम गर्ल के साथ बस में बेठा क़र चला जाऊँगा ! 
---
साक्षत्कार करने वाले ने उठ क़र उस से हाथ मिलाया और कहा यू आर सलेक्टेड ! 
---
थैंक यू सर कह क़र युवक मुस्कुराता हुआ बाहर आ गया ! 
---
---
 साक्षत्कार समाप्त हो चुका था !
---------------------------------------------------
The End
--------------------------------------------------- 
=====================================================
फेसबुक लिंक 
=====================================================

लाल बहादुर शास्त्री से जुड़ा एक सच्चा प्रसंग

===================================================================
श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है। मगर उनमें वो बात थी कि ज़माना आज भी उनको याद करता है - वो था उनका आदर्श, उनके मूल्य, संस्कार के प्रति उनका समर्पित जीवन। ===================================================================

अनिल शास्त्री ,दिल्ली के किसी कालेज में admission के लिए फ़ार्म भर रहे थे। उस समय उनके पिता श्री प्रधानमंत्री बन चुके थे। मगर अनिल जी ने एक सामान्य विद्यार्थी की हैसियत से लाईन में खड़े हो कर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होने अपना नाम और पहचान छुपाने की गरज से और उन्हें पिता की हैसियत का कोई अनावश्यक [undue] लाभ न मिले बल्कि ’प्रतिभा ’के बल पर admission मिले इस लिये नाम के पीछे ’शास्त्री’ नहीं लिखा। 
 --- 
पिता के occupation वाले column में Government servant लिखा था जब उनका नम्बर आया और वह counter पर पहुंचे तो फ़ार्म check कर रहे व्यक्ति [शायद कोई robert साहब थे] ने फ़ार्म देखा, पता देखा 10-जनपथ न्यू दिल्ली तो चौंक गया ! सोचा, यह तो ’प्रधान मंत्री’ निवास का पता है .. तो फिर इस लड़के के पिता वहाँ क्या काम करते है - PA है कि PS है कि security officer है कि peon है कि कौन सा Govt servant है। Robert महोदय दुविधा में पड़ गये और पुचकारते हुए पूछा -’बेटा, papa वहां क्या करते हैं- कौन सा Govt servant है? 
--- 
अनिल जी से यह बात अब छुपाये न छुपे और बड़े ही संकोचवश धीरे से बोले- पापा भारत के प्रधानमंत्री हैं 
--- 
इतना सुनते ही राबर्ट महोदय एकायक खड़े हो गये ..आनन फ़ानन में फ़ार्म लिया कार्रवाई पूरी की ,फिए अनिल को लेकर principal साहब के कमरे में ले गया और बड़े ही सीना तान कर और जैसे कि कोई तोप चीज़ हाथ में लग गई, कहा- "सर, देखिए, हमारे कालेज में कौन आया है, सर प्रधानमंत्री का बेटा ..अपने प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का..." अनिल जी झेंप गये .. यह था उनका संस्कार ... 
--- 
ख़ैर.. 
घर लौटने पर अनिल जी ने यह बात अपने पिता जी को बताया तब श्री लाल बहादुर जी ने बस दो बात कही - "पहली बात तो ठीक है कि पूछने पर तुमने अपने पिता का नाम बताया ,,, दूसरी बात ग़लत है कि राबर्ट तुम्हारा परिचय कराने प्रिन्सिपल के कमरे में ले गए। वह क्या और बच्चों को भी प्रिन्सिपल से परिचय कराने ले गए थे। नहीं तो यह बात ग़लत है" 
--- 
--- 
यह था एक पिता का पुत्र को दिया हुआ संस्कार .. मूल्यों के प्रति समर्पण और आज??? 
आज तो सरपंच का लड़्का भी अपने को प्रधानमंत्री से बड़ा समझता है
---------------------------------------------------- 
The End 
--------------------------------------------------- ========================================================== 
फेसबुक लिंक 
==========================================================

शुक्रवार, अक्तूबर 10, 2014

मंत्री जी का साला

पूलिस विभाग मे भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी,
भर्ती प्रक्रिया मे मंत्री जी का साला भी भाग ले रहा था,
---
स्वभाविक था कि
सब अपनी ओर से जो चापलूसी कर सकते थे, करने का प्रयास कर रहे थे
---
500 मीटर की रेस पूरी हुईं,
मंत्री जी के साले साहब ने 4 मिनट 30 सेकेण्ड मे रेस पूरी की !
---
उपनिरीक्षक ने लिस्ट बनाते समय 4 मिनट कर दिया
---
लिस्ट जब आफिस पहुँची, तो अधिकारी ने सोचा 4 मिनट मे रेस पूरी की है,
उसने उसे 3 मिनट 30 सेकेण्ड कर दिया !
---
इसी प्रकार लिस्ट डी.एस.पी , एस.पी और डी.आई.जी से होती हुई
आई.जी के पास पहुँची तब समय 1 मिनट 35 सेकेण्ड तक हो गया था
---
आई जी ने जैसे ही लिस्ट को देखा चौक पड़े ....
उन्होंने अपने पी ए से पूछा -
"ये कौन है जिसने 1 मिनट 35 सेकेण्ड मे रेस पूरी की ?"
--
पी ए ने बताया - "सर मंत्री जी का साला है"
---
आई.जी बोले :-
"अबे भूतनी के वो सब तो ठीक है,
लेकिन विश्व रिकार्ड का तो ध्यान रखते"

-------------------------------------------
 The End
------------------------------------------- 
=================================================
-- फेसबुक लिंक --
https://www.facebook.com/prakash.govind/posts/875084869168479
==================================================