मैं एक बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज हूँ
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छह-सात वर्ष बीते उसके बाद डायवोर्स हो गया !
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फिर एक लड़की पर दिल आया ,,, इस बार लड़की मुस्लिम थी ! मुस्लिम लड़की ने भी वही शर्त रख दी कि पहले इस्लाम अपनाओ ! लड़के ने एक बार फिर धर्म परिवर्तन किया और बन गया मुसलमान !
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कुछ साल बाद उसकी मौत हो जाती है
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तो भैया ऊपर फैसला कैसे होगा ?
क्या अल्लाह मियां मरने वाले की फाईल जीसस और चित्रगुप्त से मंगवाएंगे ?
या फिर ऐसा तो नहीं कि
मरने वाला पहले स्वर्ग , उसके बाद हैवन और आखिर में ज़न्नत जाएगा ?
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मान लीजिये एक आदमी हिन्दू धर्म में पैदा हुआ ! जब 24-25 वर्ष का युवा हुआ तो क्रिस्चियन लड़की से प्यार कर बैठा, लेकिन लड़की ने शर्त रख दी कि पहले ईसाई धर्म अपनाओ तब शादी करुँगी ! लड़के ने धर्म परिवर्तन कर लिया ... बन गया क्रिस्चियन !
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छह-सात वर्ष बीते उसके बाद डायवोर्स हो गया !
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फिर एक लड़की पर दिल आया ,,, इस बार लड़की मुस्लिम थी ! मुस्लिम लड़की ने भी वही शर्त रख दी कि पहले इस्लाम अपनाओ ! लड़के ने एक बार फिर धर्म परिवर्तन किया और बन गया मुसलमान !
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कुछ साल बाद उसकी मौत हो जाती है
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अब सवाल ये उठता है कि हिन्दू मान्यता के अनुसार तो मरने के बाद ऊपर भगवान् चित्रगुप्त जी कर्मों के हिसाब से पाप-पुण्य और स्वर्ग-नरक का फैसला करते हैं, लेकिन मरने वाले ने तो पहले ही हिन्दू धर्म से एकाउंट क्लोज कर लिया था .... ईसाई धर्म से भी
एकाउंट क्लोज कर लिया था!
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तो भैया ऊपर फैसला कैसे होगा ?
क्या अल्लाह मियां मरने वाले की फाईल जीसस और चित्रगुप्त से मंगवाएंगे ?
या फिर ऐसा तो नहीं कि
मरने वाला पहले स्वर्ग , उसके बाद हैवन और आखिर में ज़न्नत जाएगा ?
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The End
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